Class OF "80 (2020) Movie Review in Hindi
हेलो फ्रेंड आप है slumink की वेब साईट पे और आज हम बात करेंगे फिल्म Class of 83 के बारे में और जानेंगे क्या है मूवी में, आप इस जानकारी को निचे शेयर बटन पे क्लिक कर के share भी कर सक्ते है
Class Of 83 फिल्म आप Netflix पे देख सकते है, फिल्म की कहानी एक पुलिस एकेडमी के इर्द-गीर्द ही गयी है जो पुरे देश के रीड की हड्डी साबित होने वाले बहादुर जवान को देश की सेवा में लिपटी हुई वर्दी पहनने का हकदार बनाती है मेहनत करिये थोडा खून पसीना टपकाइये और गर्व से छाती चौड़ी कर के पुलिस में सामिल हो जाइये इस एकेडमी के डीन है विजय सिंघ जो एक नो-नोंसेन्स (no-nonsense) पुलिस ऑफिसर है और सच -झूठ के खेल में हमेसा इनके इमान की सुई सच की तरफ झुक जाती है और जुर्म की काली दुनिया के राक्छश इनके नाम से कापते है जिस तरह पेंटिंग (penting) में कोई रंग ना भरा जाए तो वो पूरी नही होती ठीक उसी तरह स्कूल (School) में अगर मौज मस्ती और दोस्ती के किस्से मसहुर ना हो तो पढाई का सिलेबस (syllabus) भी अधुरा रह जाता है, इस पुलिस एकेडमी (academy) को रंगीन बनाने का काम करते है पांच जिगरी दोस्त जिनको कागज पे लिखे ज्ञान से ज्यादा ज़िन्दगी के उसूल मिटाने में ज्यादा मजा आता है टीचर से जुबान लड़ाना हो या अतरंगी बातो को हवा में उछाल के बाकि लोगो के चेहरे पे हसी लाना, ये पांचो हर छिछोरे कामो में एक्स्पर्ट (expert) है
कहानी में ट्विस्ट आता है जब इन मस्तीजादो की एकेडमी में एंट्री (Entry) होती है विजय सिंघ (Vijay Singh) की जो कानून और पुलिस की वर्दी के साथ-साथ इन लोगो के कंधो पे बंदूक रख के अपनी जिंदगी के एक मुस्किल अधूरे मिशन (mission) को अंजाम तक पोहोचाने के सपने देखते है क्या लगता है विजय सिंघ का अंडर वर्ल्ड (Under World) सफाई अभियान आखरी मंजिल तक पोहोच पाएगा या फिर बंदूक के साथ खाकी कुर्ता पेहेन्ने वाले नेता जी का कोम्बिनेसन (combination) मुंबई (Mumbai) को धीरे-धीरे जुर्म की राजधानी बनने पर मजबूर कर देगा आखिर ये नेता जी है कौन? जो कसम तो देश की सेवा करने की खाते है लेकिन तिजोरी में नोटों की गड्डी भर के किसी अंडर वर्ल्ड के डॉन के इशारे पे पुरे मुम्बई शहर को नीलाम करने का सड़यंत्र तैयार कर रहे है और सबसे जरुरी सवाल क्या Class of 83 के ये पांच मस्तीजादे अपने गुरु के दिखाए रास्ते पे बिना भटके चलते हुए इमानदार ऑफिसर बन के बाहर निकलेंगे या फिर काली दौलत का लालच इनके इमान पे पानी फेर देगा सारे जवाब मिलेंगे फिल्म Class Of 83 में
देखो सबसे पहले एक बात क्लियर करदू की ये फिल्म हँसी मजाक या फिर बचकाने डायलोग मार कर हवा में चश्मा लहराने वाले सलमान खान की पुलिस सिस्टम पर बनी बिना सर-पैर वाली वाहियाद फिल्म दबंग जैसी तो बिलकुल भी नही है
Class Of 83 एक सीरियस फिल्म है जो पास्ट में हुए घटनाओ पे आधारित है जिसमे पुरे मुंबई शहर में राज करने वाले बड़े-बड़े गैंगस्टर के चेहरे पे जोर से तमाचा मारने वाले कुछ रियल लाइफ हीरोस को ट्रीब्युट दिया गया है जिस तरह से बोबी देओल ने एक पुलिस ऑफिसर के कैरेक्टर को पुरे डेढ़ घंटे स्क्रीन पे आपके सामने उतारा है वो बिलकुल भी बनावटी या मनगढन होने का बिलकुल भी अहसाह नही दिलाती है उनके खड़े होने से लेकर बोलने के अंदाज में उतारा गया ठहराव हर एक चीज रियलिटी में पुलिस की वर्दी पहनने वाले ऑफिसर्स के नजदीक ले जाती है जिसके आस-पास भी पोहोचने के लिए सलमान खान को 10 -15 साल बोहोत ज्यादा ट्रेनिंग करने की जरूरत पड़ेगी
फिल्म में एक मामूली स्टूडेंट से लेकर जाबाज पुलिस ऑफिसर बनने के लिये पापड़ बेलने वाले सफर के साथ-साथ अंडर वर्ल्ड में चलने वाली सौदेबाजी दोनो टॉपिक को जोडकर फिल्म में मजेदार तरीके से दिखाया गया है लेकिन सिर्फ मार-धाड़ है ऐसा नही है कहानी में इमोशन डालने के लिए प्रोफेसनके साथ-साथ पर्सनल कहानी भी दिखाया गया है जिसमे पिता, बीटा, पति-पत्नी और दोस्ती वाले गहरे रिश्तो को भी हई-लाइट किया गया है लेकिन सबसे बड़ी दुश्मन है फिल्म की छोटी लम्बाई जिसकी वजह से आप इसकी कहानी के साथ कनेक्सन नही बना पाते हो, जब तक आप पुलिस की जिन्दगी को गहराई से समझने की कोसिस करते हो उतने में फिल्म में पॉलिटिक्स की एंट्री हो जाती है, जब आप नेता जी के लालच में डूबते हो तब फिल्म में बंदूक धारी गैंगस्टर घुस जाते है जो आपके दिमाग को तितर-बितर करके फिल्म के कहानी को उलझा देते है, फिल्म में क्या हुआ? कब हुआ? कैसे हुआ? ये तो साफ तौर पे दिखाया जाता है लेकिन क्यों हुआ? जैसे सवाल हडबडी में नजर अंदाज कर दिया गया है जिसकी वजह से Class Of 83 की यादे कुछ घंटो में आपके दिमाग से हट जाएगी और सबसे बड़ी कमजोरी है तगड़े खूंखार विलन का प्रकट ना होना जिसकी वजह से बिचारे हीरो को कुछ खास करतब दिखाने का मौका नही मिलता जंग मजेदार वही होती है इसमें आमने-सामने वाले खिलाडी बराबरी के हो, अब एक तरफ शेर और दूसरी तरफ चीटी वाली लड़ाई कुछ खास जमती नही है
बात करे न्यू एक्टर्स की तो एक्टिंग और प्रोफोमिंस गजब है खास कर शुक्ला, वर्दे, असलम के केरेक्टर आपका ध्यान अपनी तरफ जरुर खिचेंगे लेकिन डेढ़ घंटे की फिल्म में बोबी देओल की परछाई से बाहर निकलने का मौका इनको मिलता नही है जिसकी वजह से इनका टैलेंट निचे दब सा जाता है कम शब्दों में बोलू तो Class Of 83 एक दमदार फिल्म है जिसमे आपको 1980 की जुर्म वाली जुर्म की दुनिया को करीब से महसूस करने का मौका मिलेगा लेकिन इसकी कहानी जल्दबाजी और हडबडी की वजह से कही अटक सी जाती है और फिल्म के खत्म होने के बाद भी कहानी थोडी अधूरी-अधूरी सी लगती है
Cast
- Bobby Deol - Vijay Singh
- Vishwajeet Pradhan - Mangesh Doiphode
- Anup Soni - Manohar Patkar
- Ahmareen Anjum - Sweta
- Sengupta - Raghav Desai
- Abhishek Bhalerao - Bombay Police Sub Inspector
- Bhupendra Jadawat - Pramod Shukla
- Sameer Paranjape - Aslam Khan
- Ninad Mahajani - Lakshman Jadhav
- Prithvik Pratap - Janardan Surve
- Ravi Singh - Pathan
- Hitesh Bhojraj - Vishnu Varde
- Devas Dixit - Raman Singh
![]() |
Class Of 83 Review |
Class of 83 (2020) is very nice web series on Netflix
जवाब देंहटाएंएक टिप्पणी भेजें